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हरियाणा के डिलीवरी ब्याज के लिए आई खुशी की खबर,जानिए सरकार क्या देने जा रही है

सत्य खबर, चंडीगढ़।       

हरियाणा सरकार घर पर सामान व खाने की होम डिलीवरी और कैब चलाने वाले 52 लाख वर्करों (गिग वर्कर्स) का सरकार इंश्योरेंस कराएगी। उन्हें कैशलेस इलाज के अलावा दुर्घटना या मौत पर मुआवजा इसके लिए स्टेट लेवल बोर्ड गठित किया जाएगा।

इसके लिए 30 जनवरी को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में प्रस्ताव के लिए सरकार बिल भी लाने जा रही है। इस बिल का नाम ‘द हरियाणा गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड बिल-2024’ प्रस्तावित किया है।

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को गुरुग्राम के PWD रेस्ट हाउस में विभिन्न प्रकार की सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के अधिकारियों, इंडस्ट्रियल और कॉमर्शियल संगठनों के पदाधिकारियों और लेबर, ट्रांसपोर्टेशन और टैक्सेशन विभाग के अधिकारियों के साथ इस प्रस्ताव पर चर्चा की।

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इसके लिए इन लोगों से ही इंश्योरेंस के बदले मोबिलिटी वर्कर वेलफेयर सेस के नाम से अत्यंत मामूली शुल्क लगाया जा सकता है, जिसकी राशि मोबिलिटी वर्करों के कल्याण के लिए खर्च की जाएगी।

डिप्टी सीएम ने बताया कि हरियाणा में असंगठित सेवा क्षेत्र के लगभग 52 लाख 70 हजार वर्कर हैं, जो कि जोमेटो, ओला, उबर, स्विगी, फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए काम कर रहे हैं। बाइक, स्कूटर, छोटे वाहनों पर सेवाएं दे रहे ये वर्कर पार्ट टाइम भी हो सकते हैं और फुल टाइम भी, लेकिन इनके लिए किसी प्रकार के इंश्योरेंस, PF, मेडिकल सेवा या अन्य भत्तों का प्रावधान नहीं है।

सरकार का विचार है कि इन गिग अथवा मोबिलिटी वर्करों के लिए भी भवन निर्माण श्रमिकों की तरह ही एक कल्याण बोर्ड अलग से बनाया जाए।

डिप्टी सीएम ने मीटिंग में सलाह दी कि इनको गिग वर्कर की बजाय मोबिलिटी वर्कर कहा जाए तो बेहतर होगा। इनके लिए बोर्ड का गठन होने पर किसी भी असामान्य स्थिति में इन वर्करों या इनके परिजनों को आर्थिक सहायता दी जा सकती है।

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उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने ई-श्रम पोर्टल को शुरू कर श्रमिकों का पंजीकरण करवाया है और आज असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की भलाई के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिनमें उनके बच्चों की शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना, बेटी की शादी पर अनुदान देना, साइकिल खरीदने के लिए भत्ता प्रदान करना आदि शामिल हैं।

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